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चुनाव आते ही गावों में चहल पहल होने लगी सभी अपना –अपना राग अलाप रहे थे | चाय पीते पीते रामनाथ बोला सब बेईमान सब चोर किसी को वोट नहीं देना चाहिए |तभी श्याम बोला भाई वोट तो देना ही पड़ेगा नहीं तो पता लगा सरकार हमको राशन भी नहीं देगी |
संजय ने झालाते हुए कहा वोट का राशन से क्या मतलब कैसी मूर्खो जेसी बात करते हो | श्याम बोला मुझे उस पाटी के नेता जी बता रहे थे | कल वह हमारे मुहल्ले आये थे उनके साथ हमारा राशन वाला भी था | वहा पर वह हम लोगों से कह रहे थे |
अबकी वोट हमारी पाटी देना नहीं तो राशन भी नहीं मिलेगा और राशन वाला भी सर हिला रहा था | संजय बोला तुम लोग पड़े लिखे नहीं हो इस लिए लोग तुमें मुर्ख बनाते है | रामनाथ बोला यही तो में कह रहा था | मगर मेरी सुनता ही कोन है |
तभी चाय वाला बोला क्यों बेकार की बहस कर रहे चाय पी ली है अब अपने काम पर जाओं मुझे दुकानदारी करने दो | श्याम बोला हमने तेरी कौन सी दुकानदारी रोक रखी है |
यह कह कर सब बडबड़ाते हुए चल दिए संजय भी अपनी दुकान की और चल दिया संजय की मोबाईल डाउनलोडिंग की दुकान थी | वह अभी दुकान की साफ सफाई कर के बैठा ही था |
तभी उसका दोस्त सुनील आया जो काफी समय पहले विदेश चला गया था| वह एक सोफ्टवेअर कंपनी में इंजीनियर था | वह काफी समय के बाद गाव आया था | संजय का अच्छा दोस्त था |
इसलिए मिलने चला आया | हाल – चाल पूछने के बाद यहा वहा की बातें होने लगी | तभी सुनील बोला चुनाव में किसका जोर चल रहा है | संजय बोला पता नहीं यार सब बेकार है | चुनाव से पहले बड़े –बड़े वायदे और चुनाव के बाद झूटे आश्वासन की सिवा कुछ नहीं सुनील बोला फिर कोई तो एसा उमीदवार होगा जो अपने गाव का भी विकास करेगा |
संजय यहाँ पर सब पाटियां एक सी है | जिनके इस क्षेत्र का विशेस महत्व नहीं है चुनाव में जीतने के बाद यहाँ कोई आना भी पसंद नहीं करता | विकास तो दूर की बात है |
दोनों में काफी देर तक चुनाव पर बहस होती रही | सुनील बोला अपने गाव से कोई क्यु नहीं खड़ा होता है | चुनाव में, संजय बोला चुनाव में खड़ा होने के लिए पैसा चाहिए और टिकट चाहिए जो को पाटी किसी गाव वाले को देने से रही | इस सुनील बोला निर्दलीय खड़े हो जाना चाहिए |
तुम से किसी को पड़े लिखे हो समझ दार हो , संजय बोला चुनाव में खड़ा होने के लिए पड़ा लिखा होना जरूरी नहीं | हमारे देश में चुनाव में खड़े होने वाले उमीदवार के लिए आज भी कोई शैक्षिक योग्यता निर्धारित नहीं है | बाकी सब के लिए समय –समय पर शैक्षिक योग्यता के मापदंड बड़ा दिए जाते है|
आज भी देश में कोई भी पाटी एसी नही है |जिसने अपने उमीदवारों के लिए शैक्षिक योग्यता नियम निर्धारित किये हो इन सब के परिणाम स्वरूप हमारे देश को एसे भ्रष्ट नेता मिलते है |
सुनील बोला क्या कभी हमारे देश में कोई एसा बदलाव आयेगा |संजय मुझे नहीं लगता क्युकी नेता लोग सविधान का हवाला देकर जनता को मुर्ख बनाते आये और आगे भी बनायेगे | सुनील सही कहते भाई इस देश का कुछ नहीं हो सकता |
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